अगर इस तरह किया जाए बचाव तो रह सकते हैं टीबी से बचकर

अगर इस तरह किया जाए बचाव तो रह सकते हैं टीबी से बचकर

अम्बुज यादव

हमारे जीवन में कई तरह की बीमारियां हैं, जिसके बारे कुछ लोग जानते है तो कुछ लोग उससे अंजान है। उन्ही बीमारियों में कई खतरनाक होती है तो कोई सामान्य मानी जाती हैं। लेकिन उन सभी में से क्षय रोग जानलेवा बीमारी मानी जाती है, जिससे बचने के लिए डॉक्टर भी लोगों को लगातार सलाह देते रहते हैं। वही सभी लोगों को अक्सर सरकार या डॉक्टर मुहिम निकाल कर इसके लक्षणों के बारे में बताते रहते हैं, जिससे लोग इस बीमारी से बचें रहें। तो आज हम भी आपको बताएंगे कि आखिर क्षय रोग यानी टीबी से आप खुद और अपने परिवार वालों को कैसे बचाएं?

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तपेदिक या टीबी एक संक्रामक संक्रमण है जो आमतौर पर आपके फेफड़ों पर हमला करता है। यह आपके मस्तिष्क और रीढ़ की तरह आपके शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। यह शरीर में माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के बढ़ने के कारण होता है। 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में संयुक्त राज्य अमेरिका में लोगों की मृत्यु होने का एक प्रमुख कारण था। आज ज्यादातर मामले एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक हो जाते हैं। लेकिन इसमें काफी लंबा समय लगता है। आपको कम से कम 6 से 9 महीने के लिए उपचार कराना होता है।

टीबी के प्रकार

आपको बता दे कि टीबी दो प्रकार की होती है लैटेंट टीबी और एक्टिव टीबी

1. एक्टिव टीबी:

इस स्थिति में आपके शरीर में रोगाणु कई गुना बढ़ जाते हैं और आपको बीमार बना सकते हैं। इसमें दूसरे लोगों को भी बीमारी फैलने का खतरा रहता है। सक्रिय टीबी के वयस्क मामलों में से 90 प्रतिशत लैटेंट टीबी संक्रमण के पुनर्सक्रियन (Reactivation) के कारण होते हैं।

2. लैटेंट टीबी:

इस स्थिति में आपके शरीर में टीबी के कीटाणु होते हैं लेकिन आपका प्रतिरक्षा तंत्र (Immune system) उन्हें फैलने से रोकता है। इसका अर्थ है कि आपके शरीर में किसी भी तरह के लक्षण या संक्रामक नहीं है। लेकिन संक्रमण आपके शरीर में अभी भी जीवित है और यह एक दिन सक्रिय हो सकता है। यदि आपको पुन: सक्रियण (Reactivation) का जोखिम अधिक है उदाहरण के लिए यदि आपको एचआईवी है तो आपका प्राथमिक संक्रमण पिछले 2 वर्षों में था। आपकी छाती का एक्स-रे भी असामान्य है या आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) उससे समझोता कर रहा है। तो ऐसे में आपका डॉक्टर सक्रिय टीबी विकसित करने के जोखिम को कम करने के लिए आपको एंटीबायोटिक दवाओं के साथ आपका इलाज करेगा।

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टीबी के लक्षण:

  • लैटेंट टीबी के कोई लक्षण नहीं है। आपको इसके बारे में जानने के लिए स्किन या ब्लड टेस्ट करवाना होगा।
  • आमतौर पर टीबी होने पर आपको ये संकेत दिखाई दे सकते हैं: 
  • 3 हफ्तों से ज्यादा खांसी होना
  • छाती में दर्द होना
  • खांसी में खून आना
  • पूरा दिन थकान महसूस करना
  • रात को पसीना आना
  • ठंड लगना
  • बुखार
  • भूख कम लगना  
  • वजन में गिरावट

इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं।

टीबी को डायग्नोज कैसे करें:

तपेदिक के दो सामान्य परीक्षण हैं स्किन टेस्ट और ब्लड टेस्ट। लेकिन उनसे यह पता नहीं चलता कि आपको लैटेंट टीबी है या एक्टिव टीबी।

1. स्किन टेस्ट:

इसे मंटौक्स ट्यूबरकुलिन (Mantoux tuberculin) स्किन टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है। एक स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता आपके निचले हाथ की त्वचा में तरल पदार्थ की एक छोटी मात्रा को इंजेक्ट करता है। 2 या 3 दिनों के बाद वे आपके परिणामों को निर्धारित करने के लिए आपकी बांह में सूजन की जांच करेंगे। यदि आपके परिणाम सकारात्मक हैं तो आप शायद टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित हो गए हैं। लेकिन कई बार परिणाम नकारात्मक भी हो सकते हैं।

2. ब्लड टेस्ट:

ये परीक्षण जिसे इंटरफेरॉन-गामा रिलीज अस्से या IGRA भी कहा जाता है इसमें प्रतिक्रिया को मापते हैं जब टीबी प्रोटीन को आपके रक्त की थोड़ी मात्रा में मिलाया जाता है।

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टीबी कैसे फैलता है

टीबी बैक्टीरिया के कारण होता है जो ठंड या फ्लू की तरह हवा से फैलता है जब कोई व्यक्ति जिस खांसी होती है, वह छींकता है, बातचीत करता है, हंसता है, या गाता है तो मुंह से छोटी-छोटी बूंदें निकलती हैं जिनमें कीटाणु होते हैं। जब आप इन कीटाणुओं के बीच में सांस लेते हैं तो यह किटाणु आपके शरीर में प्रेवेश कर जाते हैं। टीबी के बैक्टीरिया आपकी सांस के साथ फेफड़े में पहुंच जाते हैं और धीरे-धीरे फैलने लगते हैं। इनके संक्रमण के कारण फेफड़ों में छोटे-छोटे जख्म बनजाते हैं जिसका पता एक्स-रे द्वारा लगाया जाता है। अगर आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कम है तो टीबी के बैक्टेरिया की शरीर पर अटैक करने की संभावना बढ़ जाती है। रोगियों के फेफड़ों या लिम्फ ग्रंथियों में टीबी के बैक्टीरिया पाए जाते हैं।

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टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है, लेकिन इसकी चपेट में आना आसान नहीं है। आमतौर पर टीबी आपको तभी हो सकती है जब आप इससे पीड़ित व्यक्ति के साथ अधिक समय बिताते हैं। जिसके फेफड़ों में बहुत अधिक मात्रा में बेसिली होती है। आपको अपने सह-कर्मियों, मित्रों और परिवार के सदस्यों से टीबी होने की संभावना अधिक होती है। टीबी के रोगाणु सतहों पर नहीं पनपते। आपको यह बीमारी किसी ऐसे व्यक्ति से हाथ मिलाने से नहीं हो सकती जिसके साथ आपने खाना खाया हो या उसके साथ कोई पेय पदार्थ शेयर कर के पिया हो। टीबी की समस्या उन लोगों को अधिक होती हो जिनका खानपान और दिनचर्या सही नहीं होती। जिसके कारण शरीर में दूषित द्रव्य जमा हो जाते हैं यह धीरे-धीरे शरीर में रोग उत्पन्न करत है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना टीबी होना के बहुत बडा कारण है। गीले स्थान पर रहने और ज्यादा धूल वाले वातावरण में रहने से भी टीबी हो सकती है।

(साभार-दैनिक जागरण)

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